Saturday, October 16, 2010

सिर्फ नाम के ' पब्लिक सर्वेन्ट '

अपने आप को पब्लिक सर्वेंट कहने वाले सरकारी कर्मचारियों की मनमानी का एक छोटा सा नमूना आज देखने को मिला | कई सरकारी महकमों का उपखण्ड अधिकारी फतेह मोहम्मद खां ऩे औचक निरीक्षण किया | राजकीय धानुका चिकित्सालय के में एक चिकित्सक सहित 23 कार्मिक अनुपस्थित मिले। ब्लॉक चिकित्सा कार्यालय में कमल सिंह रावत, नर्स वासमा, कनिष्ठ लिपिक मोहम्मद इस्साक,मोहन सिंह,अर्जुन व मदनलाल भी अनुपस्थित पाए गए। विद्युत विभाग के ग्रामीण कनिष्ठ कार्यालय में पाँच, ग्रामीण सहायक कार्यालय में एक एवं शहरी क्षेत्र विद्युत कार्यालय में भी दो कार्मिक अनुपस्थित मिले । कृषि उपज मण्डी कार्यालय में भी तीन कर्मचारी ड्यूटी से गायब मिले |
गौर तलब है क़ि दो दिन पहले ही फतेहपुर थाने के एक वरिष्ठ अधिकारी रोडवेज की बस से यात्रा करते समय उड़न दस्ते से उलझ गए थे तथा टिकट जांच कराने को लेकर उनकी उड़न दस्ते के अधिकारियों से गहमा गहमी हो गयी थी | अपने आप को जनता का सेवक बताने वाले इन अधिकारियों का ऐसा बर्ताव निस्संदेह निराशाजनक तथा चिंतन योग्य है | विकास की डगर पर सरपट दौड़ते भारत को अगर सही मायनों में उन्नति करनी है तो इस तबके को सबसे अधिक काम करना होगा और अपने आचरण में आमूलचूल परिवर्तन करना होगा |

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