Wednesday, November 17, 2010

गूंजने लगेगीं शहनाइयाँ

गत चार माह से देव शयन के कारण बंद बैंड-बाजों की धुन बुधवार से एक बार फिर गूंजने शुरू हो जायेगी । देवउठनी एकादशी के अनबूझ सावे पर पर शहर में शादियों की धूम रहेगी । तुलसी-सालिगराम के विवाह भी होंगे। लोगों ने सावों के सीजन को देखते हुए पंडित, धर्मशाला , हलवाई, कैटरिंग,  घोड़ी, बैंड बाजे  व गाडियों की पहले से ही बुकिंग कर ली ताकि समय पर किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े। जो लोग रह  गए उन्हें मुहमांगी कीमत के बाद भी पंडित, घोडी, बाजे और नहीं मिल पा रहे  हैं। यहां तक क़ि धर्मशालाओं में भी जगह नहीं है। पंडितों के अनुसार सबसे ज्यादा शादी-ब्याह देव उठनी एकादशी पर होते हैं , इसको देखते हुए शहर में धर्मशालाओं में रौनक है। फूल विक्रेताओं ऩे बताया एकाएक बड़ी मांग के कारण गुलाब के फूलों के दामों में पांच गुना वृद्धि हुई है। इसके चलते गजरा 150-300 रूपए तक बिक रहा है। शादियों के सीजन के चलते बाजारों में विभिन्न प्रकार की डिजाइनर साफा-शेरवानी की रेंज उतारी गई है। शेरवानी को नया लुक देने के लिए डायमंड व बारीक कशीदाकारी की गई है, जिसे काफी पसंद किया जा रहा है। लड़कियां शादी के समय लाल रंग की भारी साड़ी पहनना पसंद करती हैं। बाहर जाने वाली बारातों की गाडियों के आगे व पीछे वर-वधू के नाम आकर्षक ढंग से लिखवाने का चलन भी इन दिनों जोर पकड़ रहा है। 

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