Tuesday, December 21, 2010

सर्दी ने धूजणी छुटाई

क्षेत्र में रोज बढ़ रहे शीत लहर के प्रकोप ऩे लोगों की धूजणी छुटानी शुरू कर दी है | लगातार गिर रहा न्यूनतम तापमान अब जमाव बिन्दू से महज डेढ़ डिग्री दूर है। पारा माउण्ट आबू की राह चल पड़ा है। आमजन ठण्ड से चौबीसों घंटे ठिठुरता नजर आने लगा है।रात को नौ बजे बाद से सर्दी का असर बढ़ने लगा था। रही-सही कसर सर्द हवाओं ने पूरी कर दी। हल्के कोहरे और हवाओं की जुगलबंदी ने देर रात तापमापी में पारे को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा दिया और नतीजतन बीती रात इस मौसम की सबसे सर्द रात रही। हालांकि इस बार सूर्य भगवान की मेहरबानी बनी रहने के कारण सूरज चढ़ने के साथ सर्दी का असर कम हो जाता है लेकिन शाम को सूरज ढलते ही सर्दी के तेवर फिर से तीखे हो जाते हैं। कल भी देर रात को वाहनों और छतों पर बर्फ नजर आई।

पारा गिरने से गलन बढ़ती जा रही है और इससे जन-जीवन प्रभावित होने लगा है।ग्रामीण इलाकों में सर्दी का असर ज्यादा महसूस हो रहा है। अल-सुबह फसलों पर ओस की बूंदे नजर आने लगी है। कड़ाके की सर्दी में लोगों की दिनचर्या बदल गई है।शाम को बाजार जल्दी बंद होने लगे हैं तो रात को बस स्टैण्ड और रेलवे स्टेशन सुनसान हो जाते हैं। तापमान गिरने से किसानों की चिंता बढ़ने लगी है। रात का पारा गिरने से पाले की संभावना बढ़ती जा रही है। उद्यानिकी विभाग के अनुसार अभी तक सब्जी आदि की फसलों में नुकसान नहीं है। लेकिन पाला गिरने से टमाटर, बैंगन और आंवले की पैदावार प्रभावित होगी। पाला गिरने से सबसे जल्दी टमाटर की फसल में नुकसान होता है।

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