Wednesday, December 29, 2010

न्याय के लिए जंग लड़ रहा सिपाही

द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्रों की ओर से दुश्मन से लोहा लेने वाले सिपाही को आज अपने हक के लिए सिस्टम की खामियों से जंग लगनी पड़ रही है।  
राजपूताना राईफल्स के सदस्य रहे सैनिक 93 वर्षीय धड़सीराम ने बताया कि उसने १९३९-४० में इंगलैण्ड, अमेरिका आदि मित्र राष्ट्रों की तरफ से जर्मनी, जापान और इटली आदि के खिलाफ अफगानिस्तान, सऊदी अरब, इटली में लड़ाई लड़ी थी।   जर्मनी में लड़ाई के दौरान पेट में गोलियां लगने से वह स्थाई रूप से विकलांग हो गया। पुत्रहीन और भूमिहीन धड़सीराम के सामने आज आजीविका का संकट खड़ा है और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहा है। धड़सीराम ने बताया कि उसकी पेंशन का लाखों रुपया एरियर के रूप में बकाया होने के अलावा उसे 1962 के बाद सेनानियों को दिया जाने वाला स्पेशल पैकेज भी नही दिया गया और ना ही स्वतंत्रता सेनानी घोषित किया गया।
विधायक भंवरू खां ने भी रक्षामंत्री को पत्र लिखकर द्वितीय विश्वयुद्ध के इस सैनिक को उचित सम्मान और सहायता एवं वाजिब हक देनें की मांग की है। ग्राम रोलसाबसर में धड़सीराम ने राज्यसभा सदस्य अश्क अली टाक और विधायक भंवरू खां को ज्ञापन सौंप कर सरकार से उसका हक एवं सहायता दिलानें की मांग की है।

1 comment:

  1. kash sarkar is deshbhakt ,93varshiy bharatmata ke veer sapoot ki peeda ko samajh kar inhe uchit samman ke sath-sath bakaya pensan aadi ka bhugtaan kar deti!

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