Friday, July 20, 2012

जाको राखे साइयां मार सके ना कोय

'जाको राखे साइयां मार सके ना कोय' कहावत यहाँ फतेहपुर कस्बे में अक्षरशः सत्य चरितार्थ हुई । मृत मानकर जिस नवजात को मिट्टी में दफन कर दिया वह दो दिन बाद फिर से जी उठा। घटना का पता लगते ही फतेहपुर कस्बे स्थित सुगनाराम के घर लोगों की भीड़ लग गई। बच्चा जीवित मिलने पर परिवार के लोग उसे लेकर अपनी आराध्य देवी के धोक दिलवाने गुड़गांव चले गए हैं। इसे कुदरत का करिश्मा कहें या महज दावा! लेकिन जिसने भी सुना अचंभित हुए बिना नहीं रह सका।
परिजनों ने बताया कि सुगनाराम की पत्नी संतोष ने रविवार रात कस्बे के धानुका अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया। सुबह अस्पताल से छुट्टी मिलने पर परिजन बच्चे को उसकी मां के साथ ननिहाल बैजू पीरोथ की ढाणी ले गए। मंगलवार को बच्चे की तबीयत खराब हुई तो फिर फतेहपुर लाया गया। यहां एक अस्पताल में चिकित्सक ने बच्चे को सीकर रेफर कर दिया। रास्ते में ही बच्चे की सांसें थम गईं। इस पर उसे दफना दिया गया था। उनकी 15 वर्षीय पोती प्रियंका को बच्चे के जिंदा होने का आभास हुआ। पर किसी ने इस पर विश्वास नहीं किया। बुधवार को भी उसने कई मर्तबा यह बात दोहराई भी। गुरूवार को प्रियंका स्वयं बच्चे को दफनाने वाले स्थान पर चली गई और उसे बाहर निकाल घर ले आई। उसकी दादी ने बच्चे को पानी भी पिलाया तो शरीर में हरकत आ गई। बच्चे ने पानी पिया और शौच भी किया।

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