Tuesday, March 31, 2015

स्वच्छता की मिसाल बने फतेहपुर के गाँव

फतेहपुरपंचायत समिति के दो गांव गांगियासर और मरडाटू बड़ी। यहां के लोग पांच साल से स्वच्छता और पानी बचाने की सीख दे रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हो चुके इन दोनों गांवों का स्वच्छता के लिए भी अपना अलग ही मिशन है। 
ग्रामीणों के संकल्प का असर यह है कि यहां कहीं भी गंदगी दिखाई नहीं देती। मरडाटू में तो बरसात का पानी भी बर्बाद नहीं होने दिया जाता है। पानी कुओं में डाला जाता है। इससे पानी वापस जमीन में चला जाता है। दोनों ही गांवों में कहीं भी गंदा पानी जमा नहीं होता है। इसके लिए हर घर में सोखते गड्ढे बनाए हुए हैं। 
गांगियासर गांव के ग्रामीणों ने एकजुट होकर बैठक की और संकल्प लिया कि गांव में कहीं भी गंदा पानी जमा नहीं होने देंगे। इसके लिए हर घर में सोखते गड्ढे बनाए गए। अगर किसी के घर का पानी बाहर रास्ते में जाता है तो गांव के लोग तुरंत उसे मना करते हैं और सफाई की हिदायत देते हैं। तीन साल पहले केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की टीम ने भी इस गांव का सर्वे किया था। गांव की सफाई को श्रेष्ठ माना था और पंचायत को पांच लाख का इनाम दिया था। गांव के जनप्रतिनिधि नौरंग लाल हुड्डा बताते हैं कि गांव का हर व्यक्ति यह ध्यान रखता है कि कहीं भी गंदा पानी जमा नहीं होना चाहिए। कोई भी अपने घर का कचरा भी बाहर नहीं फेंकता। 
मरडाटू गांव में घर के गंदे पानी के लिए घर घर में सोखते गड्ढे बनाए हुए हैं। इससे किसी भी घर का पानी बाहर नहीं निकलता है। ग्रामीण इसके लिए सभी को पाबंद भी करते हैं। चौक अन्य सार्वजनिक स्थानों पर कचरा इकट्ठा नहीं हो इसके लिए सीमेंट के कचरा पात्र भी रखवा रखे हैं। लोग इनमें कचरा डाल देते हैं, जिसे आग लगाकर जला दिया जाता है। इससे गांव स्वच्छ बना हुआ है। गांव में दो चौक हैं और जहां बरसात के पानी के लिए बड़े कुएं बनाए गए हैं। गांव में कहीं भी न तो बरसात का पानी जमा होता है और ही गंदा पानी। गांव के पूर्व सरपंच हरलाल झूरिया बताते हैं गांव को 2008 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने सम्मानित किया था। गांव को 20 लाख रुपए का इनाम मिल चुका है। बरसाती पानी के कुएं बनाने के लिए उन्होंने नरेगा के पैसे सदुपयोग किया। वहीं कचरा पात्र और हर घर में सोखते गड्ढे ग्रामीणों ने अपने स्तर पर बनवाए हैं। 


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