Tuesday, June 16, 2015

प्राथमिक शिक्षित महावीर बाँट रहे हैं ज्ञान


फतेहपुरके रिणाऊं गांव में 70 वर्षीय महावीर स्वामी की छोटी सी दुकान। गांव के सब लोग इन्हें दादा ही कहते हैं। छठवीं क्लास तक पढ़े हैं। लोगों की मदद और बच्चों का ज्ञान बढ़ाने का जज्बा कोई इनसे सीखे। दुकान की दीवारों और गेट को लोगों के ज्ञान बढ़ाने का जरिया बना लिया। रोज अखबार देखकर इन पर सामान्य ज्ञान के प्रश्न लिखते हैं। इसके पीछे तर्क देते हैं कि अगर कोई बच्चा सामान लेने आया और एक मिनट भी रुकेगा तो इसे जरूर पढ़ेगा। कम से कम एक बात तो याद करेगा। दुकान को उन्होंने टेलीफोन डायरेक्टरी भी बना रखा है। गांव के वार्ड पंच से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक सबके नंबर चारों तरफ छोटे-छोटे अक्षरों में लिख रखे हैं। फतेहपुर के रिणाऊं गांव में महावीर स्वामी की दुकान के बाहर दीवारों पर लिखा है सूचना का संसार, बीट कांस्टेबल से लेकर एसपी तक नंबरलिखे हैं इनकीदुकान पर 

आसपासके गांवों के लोगों को भी अगर किसी मंत्रालय, सरपंच, प्रधान, एसपी, कलेक्टर यहां तक कि बीट कांस्टेबल के नंबर चाहिए तो सीधे महावीर दादा की दुकान पर आते हैं। दादा बस एक ही बात कहते हैं दीवार या गेट पर ढूंढ लें जरूर मिल जाएंगे। वे इन नंबरों को बदलते भी रहते हैं। अखबार के साथ कोई पोस्टर का कागज भी आता है और उसमें किसी अधिकारी के नंबर मिलते हैं तो वे उन्हें दीवार या गेट पर लिख देते हैं।  गांवमें कहीं भी कोई बड़ा सफेद कागज पड़ा हुआ मिल जाता है तो उसे दुकान पर टांग देते हैं। उसमें सामान्य ज्ञान के प्रश्न लिख देते हैं। मंत्रीमंडल में बदलाव हुआ और उसकी सूची प्रकाशित होते ही मोटे मोटे अक्षरों में लिख देते हैं जिससे लोगों को पता लग जाता है कि किस मंत्री के पास क्या विभाग है। दुकान में जो चॉकलेट अन्य सामान के छोटे छोटे प्लास्टिक के डिब्बे रखे होते हैं उन पर भी कुछ कुछ लिखा जरूर मिलेगा। 

महावीरस्वामी पहले होमगार्ड में काम करते थे। करीब छह साल पहले उन्होंने यह दुकान खोली थी। उसके बाद से रोज इनका यही काम है। दिन में पूरे दिन इनके पास दुकान का काम नहीं होता है। उस वक्त ये अखबारों किताबों को पढ़कर उनमें से प्रश्न या अच्छी बातें छांटते हैं और दुकान पर लिख देते हैं। 

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